राजा डूंगरिया भील

भारतीय इतिहास में भीलो की गौरव पूर्ण इतिहास रहा है हमेशा देश जाति धर्म तथा स्वाधीनता के रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने में कभी संकोच नहीं किया
 उनके इस त्याग पर पूर्ण भारत को गर्व है।
 वीरों की इस भूमि में भील राजाओं के अनेक छोटे-बड़े राज्य रहे हैं ,जिन्होंने भारत के स्वाधीनता के लिए संघर्ष किया इन्हीं राज्यों में डूंगरपुर का एक विशेष स्थान रहा है।
जिसमें इतिहास के गौरव राजा डूंगरिया भील का जन्म हुआ था डूंगरपुर के महान राजा डूंगरिया भील अपने पराक्रम और शौर्य के लिए पूरी दुनिया में एक मिसाल के तौर पर जाने जाते हैं ।
डूंगरिया भील ने देश और धर्म की स्वाधीनता के लिए सब कुछ न्योछावर कर दिया राजा डूंगरिया भील डूंगरपुर राज्य के महान सम्राट राजा थे राजा डूंगरिया 13 वी शताब्दी में डूंगरपुर की स्थापना की थी।
 उन्होंने डूंगरपुर साम्राज्य को बहुत ही मजबूत बना लिया था वहां के सारे लोग राजा डूंगरिया भील को राजा नहीं बल्कि भगवान के रूप में मानते थे।
 क्योंकि राजा डूंगरिया भील अपनी प्रजा के दुख सुख में हमेशा  उनका साथ देते राजा डूंगरिया भील ने कहा कि मेरी प्रजा ही मेरा स्वाभिमान है डूंगरपुर साम्राज्य के सारे लोग राजा डूंगरिया भील के लिए मरने मिटने के लिए हमेशा तैयार रहते थे  दुश्मन भी डूंगरपुर की तरफ नजर उठाने की भी हिम्मत नहीं करता था राजा डूंगरिया भील के नाम से ही दुश्मन थरथर कांपते थे।
 डूंगरपुर दुनिया के महान रियासतों के नाम से प्रसिद्ध हुआ उनकी छतरी डूंगरपुर शहर  के पूर्वी भाग में डूंगरिया भील की पहाड़ी पर बनी है जहां पर वह दुश्मनों से लड़ाई करते हुए पहाड़ी से गिरने से वह शहीद हो गए।

Comments